यूपी के नए डीजीपी आईपीएस मुकुल गोयल जितने शांत और सरल स्वभाव के हैं, अपराधियों पर उतने ही सख्त हैं। मेरठ में तैनाती के दौरान इन्होंने अपराधियों की कमर तोड़ दी थी। ताबड़तोड़ 24 से ज्यादा एनकाउंटर का रिकार्ड भी बनाया था। राजस्थान के अपराधी का सदर बाजार में एनकाउंटर कर दिया था और उसके पास से एके-47 बरामद की गई थी। इसके बाद वह चर्चाओं में आ गए थे। इसके अलावा दरोगा की हत्या के आरोपी और दो लाख के ईनामी बदमाश को भी मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था। आईपीएस मुकुल गोयल की मेरठ में तैनाती के समय राजस्थान के भरतपुर का अपराधी पुष्पेंद्र जाट मेरठ में आया था। पुलिस के पास इनपुट था कि किसी बड़े व्यक्ति की हत्या की प्लानिंग की गई है। दिल्ली पुलिस ने कुछ जानकारी मेरठ के एसएसपी मुकुल गोयल से साझा की थी और एक टीम को मेरठ के लिए रवाना भी किया गया था। इसी इनपुट के बाद पुष्पेंद्र जाट को घेर लिया गया था और सदर चाट बाजार में एनकाउंटर किया गया था। एनकाउंटर में पुष्पेंद्र की मौत हो गई थी और उसके पास से पुलिस को एके-47 मिली थी। पुष्पेंद्र जाट दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और यूपी में 37 से ज्यादा संगीन मामलों में आरोपी और वांटेड था। उस समय पुष्पेंद्र जाट के सिर पर 50 हजार रुपये का ईनाम था। 

धर्मा गैंग के शूटर को किया था गिरफ्तार
आईपीएस मुकुल गोयल के मेरठ एसएसपी रहने के दौरान दूसरा चर्चित मामला अपराधी विजय उर्फ बबलू की गिरफ्तारी का था। विजय धर्मा गैंग का शार्प शूटर था और उस पर दरोगा की हत्या का आरोप था। पुलिस विभाग की ओर से दो लाख रुपये का ईनाम घोषित किया गया था। आरोपी को मेरठ में आईपीएस मुकुल गोयल की टीम ने गिरफ्तार किया था। मेरठ में ही एक चर्चित एनकाउंटर में आईपीएस मुकुल गोयल ने दौराला के बदमाश चमन और सुभाष ताऊ को ढेर किया था। चमन और वतन दोनों भाई थे और शातिर बदमाश थे। लोगों से वसूली और रंगदारी मांगना इनका धंधा था। चमन और सुभाष को एनकाउंटर में पुलिस ने मार गिराया था।

बावरियों का किया था एनकाउंटर
मेरठ के टीपीनगर में बावरियों ने तीन लोगों की हत्या कर दी थी। इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी और एनकाउंटर की कार्रवाई मुकुल गोयल की टीम ने की थी। इसके बाद पूरे गिरोह की धरपकड़ की गई थी। इसके बाद उनके कार्यकाल में कोई वारदात बावरियों ने नहीं की। 

जब पथराव में हुए थे घायल
लिसाड़ी गेट में अंसारी एवं कुरैशी बिरादरी के बीच जमकर बवाल हुआ था। इसमें कई स्थानों का पुलिस फोर्स और पीएसी को लेकर आईपीएस मुकुल गोयल उतर आए थे और मोर्चा लिया था। इस दौरान उन्हें पत्थर लगा था। घंटों तक बवाल हुआ, लेकिन मुकुल गोयल ने मोर्चा नहीं छोड़ा। उनके साथ उस समय के इंस्पेक्टर सदर बाजार सीपी सिंह और दरोगा राजेंद्र सिंह भी डटे रहे। लापरवाही को लेकर लिसाड़ी गेट थाना प्रभारी पर कार्रवाई की और चार्ज राजेंद्र सिंह को दे दिया था। इसी मामले में तत्कालीन डीआईजी ने एसएसपी के खिलाफ रिपोर्ट शासन को भेजी थी, जिसे लेकर पुलिस टीम एसएसपी के साथ आ गई थी।