
कंपनी लाख दावे करे पर इंदौर शहर में बिजली व्यवस्था के हाल बदहाल हैं। इसका ताजा उदाहरण शहर में हाे रही छुटपुट बारिश में ही देखने काे मिल रहा है। बिजली की बदहाल स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साेमवार रात अचानक बिजली ग्रिड पर निरीक्षण करने पहुंचे ऊर्जा मंत्री खासे नाराज हो गए। कंपनी के इंजीनियरों की लापरवाही से नाराज प्रदेश के ऊर्जा मंत्री मौके पर ही मौखिक रूप से तीन इंजीनियरों को निलंबित करने के आदेश दे दिए। मंत्री के आदेश के बाद मंगलवार शाम को मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने इंदौर जिले में पदस्थ तीन इंजानियरों को निलंबित कर दिया।
निजी काम से इंदौर आए ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर सोमवार रात यहां से भोपाल के लिए रवाना हुए थे। इंदौर बायपास से गुजरते समय उन्हें बिजली मेंटेनेंस में लापरवाही नजर आई। इस पर वे कार से उतरने और खुद कुछ स्थानों का निरीक्षण किया उन्होंने इस दौरान विद्युत संपत्ति के पास से पेड़ की शाखाएं, झाड़ियां भी हटवाईं। उन्होंने मेंटेनेंस का कार्य गंभीरता से करने व उपभोक्ता सेवाओं पर भी ज्यादा ध्यान देने के निर्देश दिए।
इसके बाद ऊर्जा मंत्री ने मांगलिया स्थित ग्रिड, मांगलिया ग्रामीण विद्युत वितरण केंद्र कार्यालय एवं महालक्ष्मी नगर जोन कार्यालय का निरीक्षण किया। यहां आउट सोर्स कर्मचारियों की उपस्थिति संबंधी कार्यों में लापरवाही पाने पर कठोर कार्रवाई के निर्देश प्रबंध निदेशक अमित तोमर को दिए।
3 इंजीनियरों को किया निलंबित
ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर मंगलवार को बिजली कंपनी के कार्यपालक निदेशक संजय मोहासे ने इंदौर उत्तर संभाग के एक्जिक्यूटिव इंजीनियर मनेंद्र गर्ग, उत्तर संभाग के एचटी मेंटेनेंस प्रभारी असिस्टेंट इंजीनियर प्रदीप दांगी एवं मांगलिया विद्युत वितरण केंद्र प्रभारी जूनियर इंजीनियर अशोक ठाकुर को निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में दो इंजीनियरों का इंदौर शहर वृत्त एवं एक का मुख्यालय इंदौर ग्रामीण वृत्त नियत किया गया है