
नई दिल्ली । बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर बिजली उत्पादक कंपनियों (जेनको) का बकाया इसी साल अप्रैल में एक साल पहले की तुलना में 11.2 प्रतिशत कम होकर 81,628 करोड़ रुपए रह गया। पिछले साल अप्रैल तक डिस्कॉम पर बकाया 91,915 करोड़ रुपए था। पेमेंट रैटिफिकेशन एंड एनालिसिस इन पावर प्रोक्यूरमेंट फॉर ब्रिंगिंग ट्रांसपैरेंसी इन इन्वॉयसिंग ऑफ जेनरेशन (प्राप्ति) पोर्टल से यह जानकारी मिली है। डिस्कॉम पर बिजली उत्पादकों का बकाया सालाना के साथ माह-दर-माह आधार पर लगातार बढ़ा है, जो क्षेत्र में दबाव का संकेत देता है। हालांकि, मार्च, 2021 में इसमें कुछ कमी शुरू हुई थी। अप्रैल में डिस्कॉम पर जेनको का बकाया मार्च की तुलना में बढ़ा है। मार्च में यह 78,841 करोड़ रुपए रहा था। मार्च में डिस्कॉम पर कुल बकाया पिछले साल के समान महीने की तुलना में 3.4 प्रतिशत घटा। पिछले साल मार्च में यह 81,687 करोड़ रुपए रहा था।
बिजली उत्पादकों तथा डिस्कॉम के बीच बिजली खरीद लेनदेन में पारदर्शिता लाने के लिए प्राप्ति पोर्टल मई, 2018 में शुरू किया गया था। अप्रैल, 2021 तक 45 दिन की मियाद या ग्रेस की अवधि के बाद भी डिस्कॉम पर कुल बकाया राशि 68,732 करोड़ रुपए था। यह एक साल पहले 76,117 करोड़ रुपए थी। पोर्टल के ताजा आंकड़ों के अनुसार मार्च में डिस्कॉम पर कुल बकाया 67,656 करोड़ रुपए था। बिजली उत्पादक कंपनियां डिस्कॉम को बेची गई बिजली के बिल का भुगतान करने के लिए 45 दिन का समय देती हैं। उसके बाद यह राशि पुराने बकाये में आ जाती है। ज्यादातर ऐसे मामलों में बिजली उत्पादक दंडात्मक ब्याज वसूलते हैं। बिजली उत्पादक कंपनियों को राहत के लिए केंद्र ने एक अगस्त, 2019 से भुगतान सुरक्षा प्रणाली लागू है। इस व्यवस्था के तहत डिस्कॉम को बिजली आपूर्ति पाने के लिए साख पत्र देना होता है।