
भोपाल । शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश योजना के तहत राज्य शिक्षा केंद्र ने पोर्टल पर स्कूलों में उपलब्ध सीटों की सही जानकारी अपडेट नहीं की है, जिससे अभिभावक परेशान हो रहे हैं। राज्य शिक्षा केंद्र के पास आरटीई के तहत एडमिशन होने वाले निजी स्कूलों में उपलब्ध सीटों की संख्या की जानकारी ही नहीं है। अभी तक पोर्टल पर सीटों की पूरी जानकारी अपडेट नहीं की गई और ना ही अल्पसंख्यक स्कूलों को अल्पसंख्यक का प्रमाण पत्र जमा करने की कोई समय-सीमा निश्चित की गई है। इस कारण पोर्टल पर अल्पसंख्यक घोषित स्कूलों की संख्या भी दर्ज है। विभाग पहले अल्पसंख्यक स्कूलों से प्रमाणपत्र लेकर तब निजी स्कूलों की जानकारी पोर्टल पर अपडेट करता है। राज्य शिक्षा केंद्र ने स्कूलों को पांच जून तक स्कूलों को सीटें लॉक करने के निर्देश दिए थे। राज्य शिक्षा केंद्र ही एनआईसी को डाटा भेजता है, लेकिन फिर भी अधिकारियों को इसकी जानकारी ही नहीं है। हर साल अल्पसंख्यक स्कूलों की संख्या बढ़ जाती है। प्रदेश में करीब चार हजार अल्पसंख्यक स्कूल शामिल हैं। वहीं भोपाल जिले में तीन साल पहले 22 अल्पसंख्यक स्कूल से बढ़कर 50 से अधिक हो गया है। अल्पसंख्यक स्कूल राज्य शिक्षा केंद्र में प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर आरटीई के तहत एडमिशन के दायरे से बाहर हो जाते हैं। शिक्षा का अधिकार(आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में एडमिशन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस बार दो सत्र 2020-21 और 2021-22 के लिए एडमिशन प्रक्रिया शुरू की गई है। इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इस बार निजी स्कूलों में दो साल के बच्चों का एडमिशन लिया जाएगा, लेकिन विभाग ने दो साल पहले के अनुसार सीटें लॉक की है। इससे इस बार दो साल के बच्चों का एडमिशन हो पाना मुश्किल है। अगर इंदौर की बात करें तो हर साल 17 हजार सीटें आरक्षित की जाती है, जबकि इस बार 12 हजार सीटें लॉक की गई है। वहीं भोपाल में 20 हजार सीटों के बदले साढ़े पांच हजार सीटें लॉक की गई है। इस बारे में राज्य शिक्षा केंद्र के आरटीई नियंत्रक रामाकांत तिवारी का कहना है कि प्रदेश भर के निजी स्कूलों में कितनी सीटें लॉक की गई है। इस संबंध में एनआईसी ने विभाग को जानकारी नहीं भेजी है।