नई दिल्ली। केंद्र के बाद दो राज्यों में कांग्रेस का बंटाधार होने के बावजूद अब पार्टी बड़े सांगठनिक फेरबदल की तैयारी में है। इसकी कवायद शुरू हो चुकी है, लेकिन आमूल-चूल परिवर्तन पर आमादा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ बढ़ते बगावती सुर बड़ी अड़चन बन रहे हैं। संकेत हैं कि बगावती सुरों को दबाने के लिए झटके में कई बड़े नेताओं को किनारे कर संकेत दिया जा सकता है। यही नहीं, तमाम आलोचनाओं के बावजूद राहुल अपनी टीम के पीछे चट्टान की तरह खड़े हैं और उनकी स्थिति इन बदलावों के बाद मजबूत हो सकती है।

सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी अपने प्रयोगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। वह पूरे संगठन की उम्र कम करने और केंद्रीय कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) में उनको ज्यादा से ज्यादा जगह दिलाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, पार्टी के वरिष्ठ नेता इतने बड़े स्तर पर परिवर्तनों से पहले ही विरोध के लिए लामबंद होने लगे हैं। इस कड़ी में हाशिये में चले गए युवा नेताओं को विरोध की कमान सौंपी जा रही है। इतना ही नहीं प्रदेश स्तर पर भी लामबंदी शुरू हो गई है। खतरा यह है कि यदि बड़े पैमाने पर परिवर्तन की कवायद शुरू हुई तो प्रदेश से लेकर दिल्ली तक विरोध तेज हो सकता है।

इससे अविचलित राहुल गांधी पीछे हटने को तैयार नजर नहीं आ रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा, 'कांग्रेस उपाध्यक्ष भले ही जनता के बीच जगह न बना पा रहे हों, लेकिन संगठन पर पूरी तरह से पकड़ बनाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।' बदलाव की तैयारियों के बीच राहुल की पसंद और उनकी टीम पर निशाने तेज हो गए हैं। ऐसे में बड़ा बदलाव राहुल को या तो झटके में करना होगा और खुली बगावत के लिए तैयार रहना होगा। अन्यथा, वरिष्ठ नेता आमूल-चूल परिवर्तन की तैयारियों को फिर पलीता लगा सकते हैं।

तूफान पीड़ित किसानों को जल्द मिले मदद

चक्रवाती तूफान हुदहुद की चपेट में आए ओडिशा के किसानों को जल्द मदद दिलाने के लिए कांग्रेस संघर्ष करेगी। सोमवार को तूफान पीड़ितों से मिलने कोरापुट जिले आए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों को ये आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस केंद्र सरकार पर इसके लिए दबाव बनाएगी कि ओडिशा के पीड़ित किसानों को अधिक से अधिक सहायता जल्द मुहैया कराई जाए।

किसानों को अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताते हुए राहुल गांधी ने कहा कि हम इस मामले को लोकसभा में उठाएंगे। मैं व्यक्तिगत रूप से यहां किसानों के नुकसान को देखने आया हूं और इस मामले को लगातार उठाता रहूंगा। मैं यह भी देखूंगा कि किसानों को पर्याप्त सहायता दी गई या नहीं। उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव व ओडिशा प्रभारी बीके हरिप्रसाद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जयदेव जेना को भी मामले पर ध्यान देने के लिए कहा।