
चंडीगढ़। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव के रूझान बता रहे हैं सारे प्रयास के बावजूद इनेलो को तगड़ा झटका लगा है। पार्टी के सभी दिग्गज पीछे चल रहे हैं। पार्टी सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला और वरिष्ठ नेता अजय चौटाला के जेबीटी भर्ती मामले में जेल जाने के बाद पार्टी को संभालने वाले अभय चौटाला भी अपने परंपरागत सीट ऐलनाबाद पर पीछे चल रहे हैं।
चौटाला परिवार ने पहली बार किसी महिला नैना चौटाला को डबवाली से चुनावी मैदान में उतारा लेकिन वह भी काम आता नहीं दिख रहा है और अब तक के रूझानों में वे पिछड़ रही हैं। पार्टी की उम्मीद बनकर उभरे दुष्यंत चौटाला ने हिसार से लोकसभा चुनाव जीतकर पार्टी को बड़ी मजबूती दी थी, लेकिन वे सबसे हॉट सीट उचाना कलां से चुनाव हारते दिख रहे हैं। उचाना से ही पिछले चुनाव में ओमप्रकाश चौटाला ने दिग्गज बीरेंद्र सिंह को हराया था. इस बार बीरेंद्र की पत्नी प्रेमलता वहां से भाजपा प्रत्याशी हैं।
इनेलो ने इस चुनाव को जीवन-मरण का सवाल बना लिया था। कानून की सुराखों का फायदा उठाकर ओमप्रकाश चौटाला ने ताबड़ रैलियां कर न केवल राज्य की विपक्षी पार्टियों की चिंता बढ़ा दी थी, राष्ट्रीय राजनीति में भी उनकी यह सक्त्रियता चर्चा का कारण बनी थी। बाद में हाईकोर्ट को उन्हें समर्पण करने का आदेश देना पड़ा।
पिछले चुनाव में ओम प्रकाश चौटाला ने दो विधानसभा क्षेत्र उचाना कलां तथा ऐलनाबाद से चुनाव जीते थे। ऐलनाबाद से उनके इस्तीफे के बाद अभय चौटाला चुनाव लड़े और जीते।