आखिर क्यों हुई इतनी मौतें .... मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्रों का रियलिटी चैक
कहीं डाॅक्टर तो कहीं आईसीयू नहीं

पिछले 15 महीने के दौरान कोरोना के वायरस ने मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को धराशायी करते हुये लगभग 8 लाख लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। इनमें से 8 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई। इस दौरान कुछ शहरों के सरकारी अस्पतालों में आनन-फानन में कोरोना के इलाज की व्यवस्था हो गई, लेकिन जिला अस्पतालों से लेकर कस्बों में तक स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत अभी भी बहुत खराब है। एक प्रतिष्ठित राज्यस्तरीय समाचार पत्र ने बीते एक सप्ताह के दौरान प्रदेश के मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया, तो हालात बदतर नजर आये। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और उप स्वास्थ्य केन्द्र तो छोडिये, जिला अस्पताल में भी वेंटिलेटर, आईसीयू और पर्याप्त डाॅक्टरों का इंतजाम नहीं हैं। अब, जब तीसरी लहर की आशंका व्यक्त की जा रही है, तो जरूरी है कि ग्रामीण स्तर तक स्वास्थ्य सुविधाएं जल्द दुरूस्त की जायें, ताकि लागों को समय पर अपने आसपास ही इलाज की बेहतर सुविधा मिल सके। समाचार पत्र में प्रदेश के विभिन्न जिलों से प्रकाशित ग्राउंड रिपोर्ट में दिये गये तथ्यों पर आयोग द्वारा स्वयं संज्ञान लेकर प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया गया है। आयोग ने इस मामले में प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, मंत्रालय तथा आयुक्त/संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं, भोपाल से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का दो सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है। आयोग ने इन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने प्रतिवेदन में यह स्पष्ट करें किः-
(1) क्या उपयोग हेतु तैयार स्वास्थ्य केन्द्रों पर पीड़ित मरीजों के इलाज की सुविधाएं तत्काल प्रारंभ कराये जाने की अपेक्षा उनका केवल औपचारिक शुभारंभ के इंतजार में उपयोगहीन रखते हुए ऐसे पीड़ित मरीजों को प्राप्त हो सकने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रखा जाना अनुमत है ?

(2) क्या पीड़ित मरीजों को उचित और प्रभावी स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त करने के मौलिक/मानव अधिकारों की अपेक्षा केवल ऐसे भवन के शुभारंभ/उद्घाटन के इंतजार में उसे उपयोगहीन बनाये रखना उचित है ?

(3) समाचार पत्र में बताये गये उप स्वास्थ्य केन्द्र, गांव बरखेड़ी, जिला रायसेन, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बदनावर, जिला धार, उप स्वास्थ्य केन्द्र बेलसरा, जिला अनूपपुर, जिला चिकित्सालय रायसेन के नवनिर्मित 14 बेड के आईसीयू वार्ड, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अटेर, जिला भिण्ड के संबंध में दिये गये तथ्यों के संबंध में भी स्पष्ट जानकारी भेजें।