हैदराबाद/भुवनेश्वर/नई दिल्ली : ‘हुदहुद चक्रवात’ आज आंध्रप्रदेश के बंदरगाह शहर विशाखापत्तनम में प्रवेश कर गया जिसके कारण प्रदेश के तीन तटीय जिलों में तेज हवा के साथ भारी बारिश हो रही है, आंध्रप्रदेश एवं पड़ोसी ओडिशा में 5 लोगों की मौत हो गई और बिजली एवं संचार लाइनें ठप हो गई।

- चक्रवात हुदहुद की गति हुई मंद, हवाएं अब 120 से 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हैं।

- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश में आए चक्रवात को लेकर मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से बात की, हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

- केंद्रीय कैबिनेट सचिव अजीत कुमार सेठ ने कहा कि प्रधानमंत्री को केवल आंध्रप्रदेश एवं ओडिशा के बारे में ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी चिंता है जो इसके कारण भारी बारिश से प्रभावित हो सकते हैं।

- बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, पूर्वी यूपी में भी भारी बारिश की संभावना।

- आंध्रप्रदेश के चार जिलों में जहां 90013 लोगों को निकाला गया है, वहीं ओडिशा के तटीय जिलों से 68 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।

- विशाखापत्तनम, श्रीकाकुलम और विशाखापत्तनम जिलों में आज 170 से 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आई हुदहुद चक्रवात ने आम जनजीवन पूरी तरह ठप कर दिया। तूफान के साथ हुई भारी बारिश ने पेड़ों को उखाड़ दिया और फूस की झोपड़ियों एवं छप्पड़ वाले घरों की छतें उड़ गईं। विशाखापत्तनम और श्रीकाकुलम में कई जगहों पर बिजली के खंभे, तार और होर्डिंग सड़कों पर गिर गए। विशाखापत्तनम तूफान से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। विशाखापत्तनम के रहने वाले कई लोगों ने कहा, हवा की वजह से खिड़कियां टूट गईं। खिड़कियों के बंद होने के बावजूद भी हमें आंधी का असर महसूस हो रहा है। दोनों जिलों में संचार व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई। श्रीकाकुलम, विशाखापत्तनम और विजयनगरम जिलों में फसलों को भी नुकसान पहुंचा लेकिन इसके अभी पूरे ब्यौरे नहीं मिले हैं। प्रभावित जिलों में सड़कें सुनसान रहीं क्योंकि सरकार ने लोगों से चक्रवातीय तूफान की तीव्रता कम होने तक घरों में ही रहने की अपील की थी।

- दिल्ली में आईएमडी के महानिदेशक लक्ष्मण सिंह राठौर ने कहा कि पवर्तीय इलाका होने के कारण चक्रवात की तीव्रता अगले छह घंटे में कम हो जाएगी और अगले 12 घंटे में और कम होगी। हालांकि क्षेत्र (विशाखापत्तनम) में अगले तीन दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश होगी। उन्होंने कहा कि तूफान के आगे बढ़ने के साथ छत्तीसगढ़, बिहार, पूर्वी मध्यप्रदेश और पूर्वी उत्तरप्रदेश तथा पश्चिम बंगाल के गंगा से लगे इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। राठौर ने कहा, हम इन राज्यों के प्रधान सचिवों के सम्पर्क में हैं और बुलेटिन जारी कर रहे हैं। काटी गई फसलों को दूसरे स्थानों पर ले जाने के लिए चेतावनी जारी की गई है ताकि इन क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण पड़ने वाले प्रभाव को कम किया जा सके। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री कार्यालय चक्रवात के कारण उत्पन्न स्थिति पर नियमित अंतराल पर नजर रखे हुए है। राहत एवं बचाव कार्य के लिए हेलीकाप्टर का उपयोग कल ही किया जा सकेगा जब हवा की रफ्तार कम हो जाएगी।

- चक्रवात के मद्देनजर भारी बारिश के कारण आंध्रप्रदेश में तीन लोगों की मौत हुई जबकि ओडिशा में दो लोग मारे गए। आंध्रप्रदेश के प्रधान सचिव आई वी आर कृष्ण राव ने कहा, हुदहुद के कारण तीन लोगों की मौत की खबर है। विशाखापत्तनम और श्रीकाकुलम जिले में क्रमश: दो लोगों की पेड़ गिरने से और एक की मकान की चाहरदीवारी गिरने से मौत हो गई। विशेष राहत आयुक्त पी के महापात्र ने कहा कि ओडिशा में हुदहुद चक्रवात के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर दो हो गई। पुरी में समुद्र में लहरों के भंवर में फंसने से एक मछुआरे की मौत हो गई। कल केंद्रपाड़ा जिले में सतभाया क्षेत्र में एक लड़की की डूबने से मौत हो गई।

- एनडीआरएफ ने विशाखापत्तनम में अतिरिक्त टीमें भेजीं, जिले में अब कुल 13 टीमें मौजूद।

- भारतीय मौसम विभाग के एक बुलेटिन के अनुसार चक्रवाती तूफान हुदहुद की दस्तक के बाद भी छह घंटे तक इसकी तीव्रता बनी रहेगी और दक्षिण ओडिशा के भीतरी भागों और छत्तीसगढ़ समेत उत्तर पश्चिम की तरफ बढ़ते हुए अगले छह घंटे में यह धीरे-धीरे कमजोर होगा।

- बुलेटिन के अनुसार इसके प्रभाव में तेलंगाना और दक्षिण ओडिशा से लगे दक्षिण छत्तीसगढ़ में अधिकतर स्थानों पर बारिश होगी और कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है। उत्तर छत्तीसगढ़ और उत्तर ओडिशा के कुछ अलग-अलग इलाकों में भारी से अत्यंत भारी बारिश की संभावना है।

- ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आज कहा कि करीब 68 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और राज्य प्रशासन इससे निबटने के लिए तैयार है। पटनायक ने कहा, चक्रवात का गंजाम, गजपति, कोरापुट, पुरी, कालाहांडी और केन्द्रपाड़ा जैसे ओडिशा के विभिन्न जिलों में असर हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 68 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उन्होंने अधिकारियों को असुरक्षित स्थानों से लोगों को निकालने का काम जारी रखने का निर्देश दिया क्योंकि चक्रवात का पूरा असर तट पर पहुंचने के कुछ घंटों बाद महसूस होगा। पटनायक ने कहा कि प्रभावित लोगों को 604 आश्रय स्थलों पर रखा गया है और राज्य सरकार चक्रवात से उत्पन्न स्थिति और इसके बाद संभावित बाढ़ से निबटने के लिए तैयार है।

- चक्रवात के प्रभाव के चलते मलकानगिरि, गंजाम, खुर्दा, गजपति, पुरी और रायगढा जिलों में भारी बारिश हुई और कई इलाकों में तेज हवाएं चलीं। राज्य की राजधानी भुवनेश्वर में भी कल रात से बारिश हुई है और हुदहुद के तट की ओर बढने के बीच बारिश और हवाओं की रफ्तार में धीरे धीरे तेजी आ रही है। ऐहतियाती कदम उठाते हुए, रेलवे ने 58 ट्रेनों की आवाजाही रदद की और 50 अन्य ट्रेनों के मार्ग बदले।

- आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम जिले में एक व्यक्ति की मौत मकान की चाहरदीवारी गिरने के कारण हुई जबकि श्रीकाकुलम जिले में एक व्यक्ति की उस समय मौत हो गई जब पेड़ गिर गया। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की विशेष आयुक्त के हिमावती ने बताया, पूर्वी गोदावरी को छोड़कर तीन जिलों - विशाखपत्तनम, विजियानगरम और श्रीकाकुलम में विद्युत प्रणाली पूरी तरह से ठप हो गई है। यहां तेज हवाएं चल रही हैं और स्थिति बहुत ही गंभीर है। क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर दिया गया है। श्रीकाकुलम, विजियानगरम, विशाखपत्तनम और पूर्वी गोदावरी जिलों के खतरे वाले क्षेत्रों से 90,013 लोगों को निकाला जा चुका है।

- आंध्रप्रदेश सरकार ने चार जिलों के 59 मंडल में 356 गांवों की पहचान चक्रवात की संभावना वाले क्षेत्र के रूप में की है। 300 से अधिक राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। विशाखापत्तनम और श्रीकाकुलम में सेना ने नौकाओं एवं अन्य राहत-बचाव उपकरणों के साथ कमान संभाल ली है। विशाखापत्तनम नौसेना अड्डे पर छह हेलीकाप्टर तैयार हैं।

- चक्रवात हुदहुद की गंभीरता को देखते हुए भारतीय वायुसेना ने बेंगलूर स्थित हेडक्वार्टर्स ट्रेनिंग कमांड (प्रशिक्षण कमान मुख्यालय) को सभी राहत अभियानों के लिए नोडल एजेंसी बनाया है। अधिकारियों ने बताया कि दूरसंचार नेटवर्क विफल हो जाने के कारण विशाखापत्तनम में एक नियंत्रण कक्ष में काम नहीं हो पा रहा है।

- पड़ोसी ओडिशा में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश के कारण राज्य के कई दक्षिणी इलाके प्रभावित हुए हैं जहां 45 हजार लोगों को सुरक्षित क्षेत्र में पहुंचाया गया है। विशेष राहत आयुक्त पी के महापात्र ने कहा कि मलकानगिरि, कोरापुट, रायगढ़ा, नवरंगपुर, गंजाम, गजपति, कंधमाल और कालाहांडी आठ जिलों से अब तक 45 हजार लोगों को निकाला गया है और किसी की मौत की सूचना नहीं है। चक्रवात के कारण मलकानगिरि, गंजाम, खुर्दा, गजपति, पुरी और रायगढ़ा जिलों में कई हिस्सों में भारी बारिश हुई और कई इलाकों में तेज हवाएं भी चल रही है। कल रात राजधानी भुवनेश्वर में भी बारिश हुई और हुदहुद के तट की तरफ बढ़ने के साथ बारिश और हवा की तीव्रता बढ़ी है।

- प्रधान सचिव जी सी पति के अनुसार, इस आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 16 टीमों और ओडीआरएफ की 10 टीमों समेत कुल 26 टीमें तैनात की गई है। प्रत्येक टीम में 40-40 लोग हैं। उन्होंने कहा, हमें केंद्र ने आश्वस्त किया है कि छत्तीसगढ़ के रायपुर में सेना की टीम तैयार रहेगी और पश्चिम बंगाल के कलाइकुंडा में पांच हेलीकाप्टर तैयार रहेंगे। एहतियात के तौर पर पूर्वी तटीय रेलवे ने भुवनेश्वर-विशाखापत्तनम मार्ग पर सेवाएं रद्द कर दी हैं जबकि राज्य सरकार ने गंजाम, गजपति, रायगढ़ा, नबरंगपुर और कालाहांडी के कुछ इलाकों में सेवाए रोक दी हैं। निजी बस परिचालकों से भी कल सेवा बंद रखने को कहा गया है।

- महापात्र ने कहा, हम आठ जिलों के लोगों से आग्रह कर रहे हैं कि चक्रवात के दौरान और इसके छह घंटे बाद तक वे अपने घरों से नहीं निकलें। उन्होंने कहा कि बीएसएनएल से आग्रह किया गया है कि वे अपने उपभोक्ताओं को घर से नहीं निकलने के बारे में एसएमएस भेजें। भारतीय मौसम विभाग की ताजा बुलेटिन के अनुसार, अगले 48 घंटों के दौरान राज्य में अधिकांश स्थानों पर बारिश और गरज के साथ बौछारे पड़ेंगी।

- आईएमडी के स्थानीय केंद्र के निदेशक शरद साहू ने कहा कि दक्षिणी ओडिशा के मलकानगिरि, कोरापुट, रायगढ़ा, नवरंगपुर, गंजाम, गजपति, कालाहांडी और फुलबनी इलाकों में अगले 24 घंटों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका है। खुर्दा, पुरी, जगतसिंहपुर, नयागढ़, जाजपुर, बालेश्वर, भद्रक, केंद्रपाड़ा, कटक, ढंकनाल और मयूरभंज में इसी दौरान एक या दो स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।

- भारतीय मौसम विभाग के प्रमुख ने बताया कि हुदहुद चक्रवात का केंद्र आंध्र प्रदेश के तट से गुजर रहा है और उसका दिक्, काल और गति पूर्वानुमान के अनुरूप ही है।

- भारतीय मौसम विभाग के प्रमुख ने बताया कि पीएमओ प्रतिघंटे के आधार पर चक्रवात से उत्पन्न स्थिति पर नजर रखे हुए है।

- भारतीय मौसम विभाग के प्रमुख लक्ष्मण सिंह राठौड़ ने बताया कि आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में चक्रवाती हवा की रफ्तार 170-180 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़कर 195 किलोमीटर प्रतिघंटा तक पहुंच गई है और अगले छह घंटे में इसमें 50% की कमी आएगी।

-180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से विशाखापत्तनम तट से टकराया चक्रवात हुदहुद।

-निर्धारित समय से आधा घंटा पहले आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम के तट से टकराया हुदहुद।

-केबिनेट सेक्रेटरी अजित सेठ ने एनसीएमसी की बैठक बुलाई।

-विशाखापत्तनम में तेज हवा और भारी बारिश से दो लोगों की मौत की खबर, आधिकारिक पुष्टि होनी बाकी।

-गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ओडिशा और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री से बात कर हालात का जायजा लिया।

-विशाखापत्तनम में 120 से 125 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही है हवा।

-आंध्रप्रदेश और ओडिशा के तटीय इलाकों को पूरी तरह से खाली कराया गया।

ओडिशा में इस बार ज्यादा सचेत हैं समुद्र तटों पर रह रहे लोग

केन्द्रपाड़ा और जगतसिंहपुर जिलों में समुद्र तट पर स्थित गांवों के लोगों की मुख्य चिंता ऐहतियात बरतने पर है क्योंकि वे चक्रवात हुदहुद को लेकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहते। सांधाकुदा के मछुआरे एस राममूर्ति ने कहा, 29-30 अक्टूबर 1999 को महाचक्रवात ने हमारा गांव तबाह कर दिया। उस समय 900 से अधिक लोगों की मौत हो गई। लोगों ने चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया और उन्हें चक्रवाती हवाओं का सामना करना पड़ा। उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी। उन्होंने कहा, अब चीजें बदल चुकी हैं। हमने पिछले साल ज्यादा मजबूती से फेलिन चक्रवात का सामना किया और हम बीते वर्षों में दर्जनों बार चक्रवात जैसी स्थिति से निबटे। अधिकारियों ने कहा कि वर्ष 1999 में चक्रवात की चेतावनी को नजरअंदाज करने वाले असुरक्षित स्थलों के लोग उसके बाद से सजग हो गए हैं। आपदा का सामने करने के लिए सजगता और तैयारी जमीनी स्तर से हो रही है। समुद्री तट पर स्थित रामनगर ग्राम पंचायत के एक पूर्व सरपंच ने कहा, बीती रात से हमारे गांव में बिजली आपूर्ति नहीं है। हम आकाशवाणी कटक पर हर घंटे रेडियो अपडेट सुन रहे हैं।

- आंध्रप्रदेश में चक्रवात हुदहुद के दस्तक देने के पहले दक्षिण ओडिशा के कई हिस्सों में भारी बारिश और तेज रफ्तार वाली हवाएं चलने के बीच सुरक्षा के दृष्टिकोण से संवदेनशील इलाके से 45,000 से ज्यादा लोगों को निकाल लिया गया है।

आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम में चक्रवाती तूफान के पहुंचने की आशंका के बीच ओडिशा सरकार ने आपदा से निपटने की तैयारियां तेज कर दीं और राहत एवं बचाव अभियान के लिए एनडीआरएफ व ओडीआरएएफ कर्मियों की तैनाती के साथ सेना की टीमें तथा हेलिकॉप्टर तैयार हैं।

विशेष राहत आयुक्त (एसआरएस) पी के महापात्र ने बताया कि कोई हताहत नहीं हो यह सुनिश्चित करने के लिए मलकानगिरि, कोरापुट, रायगडा, नबरंगपुर, गंजाम, गजपति, कंधमाल और कालाहांडी में करीब 45,000 लोगों को खाली कराया गया। चक्रवात पहुंचने के पहले इसके प्रभाव में मलकानगिरि, गंजाम, खुर्दा, गजपति, पुरी और रायगडा जिले में भारी बारिश हुई।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की विशेष आयुक्त के. हिमावती ने पूर्व में बताया था, पूर्वी गोदावरी को छोड़कर तीन जिलों - विशाखपत्तनम, विजियनगरम और श्रीकाकुलम माना जाता है कि यहां चक्रवात का प्रकोप ज्यादा रहेगा में विद्युत प्रणाली पूरी तरह से ठप हो गई है। यहां तेज हवाएं चल रही हैं और स्थिति बहुत ही गंभीर है। क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर दिया गया है। चार जिलों के खतरे वाले क्षेत्रों से हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

आंध्र प्रदेश सरकार ने चार जिलों के 356 गांवों और 59 मंडलों की खतरा संभावित क्षेत्र के रूप में पहचान की है। 300 से अधिक राहत शिविर खोले गए हैं। चार जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 19 टीमें (प्रत्येक टीम में 45 से 50 सदस्य) तैनात की गई हैं।

विशाखापत्तनम और श्रीकाकुलम जिलों में राहत एवं बचाव अभियान के लिए सेना की टुकड़ियां नौकाओं और अन्य उपकरणों के साथ तैनात की गई हैं। विशाखात्तनम स्थित नौसैनिक ठिकाने में छह हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। भारतीय वायु सेना ने भीषण चक्रवात हुदहुद के मद्देनजर राहत एवं बचाव अभियान के लिए प्रशिक्षण कमान मुख्यालय, बेंगलूर को नोडल एजेंसी बनाया है।

विशाखापत्तनम और श्रीकाकुलम जिलों में बिजली के कुछ खंभे और पेड़ उखड़ गए। बारिश के चलते इन जगहों पर बिजली प्रणाली ठप होने की खबर है। एक अधिकारी ने बताया, दोनों जिलों में 170 से 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि दूरसंचार नेटवर्क भी ठप हो गया है जिससे विशाखापत्तनम स्थित नियंत्रण कक्ष काम नहीं कर पा रहा।

आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार चक्रवात से 44 मंडलों के 320 गांवों के प्रभावित होने की आशंका है। अधिकारियों ने चार जिलों, श्रीकाकुलम, विजयानगरम, विशाखापत्तनम और पूर्वी गोदावरी से 90,013 लोगों को निकाला है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू यहां आंध्र प्रदेश सचिवालय से स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।