वाशिंगटन। चंद्रयान-3 मिशन को सफल बनाने वाले वैज्ञानिकों का अमेरिका में बजा डंका। भारत की चंद्रयान-3 मिशन टीम को अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए प्रतिष्ठित 2024 जॉन एल ‘जैक’ स्विगर्ट जूनियर पुरस्कार मिला है। कोलोराडो में वार्षिक अंतरिक्ष संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह के दौरान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की ओर से ह्यूस्टन में भारत के महावाणिज्य दूत डीसी मंजूनाथ ने यह पुरस्कार ग्रहण किया।
एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाले पहले देश के रूप में, इसरो द्वारा विकसित मिशन चंद्रयान-3 मानवता की अंतरिक्ष अन्वेषण आकांक्षाओं को समझ और सहयोग के लिए नए क्षेत्रों तक विस्तारित करता है। स्पेस फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने जनवरी में पुरस्कार की घोषणा के समय कहा था-अंतरिक्ष में भारत का नेतृत्व दुनिया के लिए प्रेरणा है। चंद्रयान-3 टीम के अग्रणी कार्य ने अंतरिक्ष अन्वेषण के स्तर को फिर बढ़ा दिया है। चंद्रयान की लैंडिंग हम सभी के लिए एक मॉडल है। बधाई हो। 
बता दें कि भारत ने पिछले साल अगस्त महीने में मिशन चंद्रयान-3 के तहत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर इतिहास रच दिया था और चांद के इस क्षेत्र पर उतरने वाला वह दुनिया का पहला देश बन गया था. इसरो के इस कदम की पूरी दुनिया में सराहना की गई थी और पूरी दुनिया ने भारत की इस कामयाबी का लोहा माना था।