न्यूयॉर्क : न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र की महासभा शुरू हो चुकी है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूएन असेंबली को संबोधित कर रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर मोदी को देखने के लिए जुटी भीड़. अपने भाषण से पहले मोदी ने यूएन चीफ बान की मून से मुलाकात की और बढ़ते आतंकवाद का मुद्दा उठाया. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ पीएम मोदी पहुंचे संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय.

पीएम मोदी के भाषण के मुख्य अंशः
यूएन में बोलना मेरे लिए सम्मान की बात. भारत आर्थिक और सामाजिक बदलावों से गुजर रहा है. भारत पूरे विश्व को एक कुटुंब के रूप में देखता है. हर देश का अपना दर्शन होता है. भारत एक ऐसा राष्ट्र है जो केवल अपने लिए नहीं बल्कि समृद्धि, विकास के पक्ष में आवाज उठाता रहा है.

मुझे लोगों की अपेक्षाओं का अहसास है. दुनिया के हक में हम आवाज उठाते रहे हैं. देश की शांति के लिए हमें साथ मिलकर काम करना होगा. हमने कई लड़ाइयों को खत्म किया शांति बनाए रखने के लिए. गरीबी और भुखमरी को हटाने के लिए भारत ने साथ दिया है.

विश्व शांति और लोकतंत्र की ओर आगे बढ़ा है. अफगानिस्तान में शांति बहाल हुई है. नेपाल और लोकतंत्र की ओर आगे बढ़ा है. अफ्रीका में शांति और स्थिरता की नई ऊर्जा दिखाई दे रही है. मैं पाकिस्तान से मित्रता बढ़ाने के लिए और बिना आतंकवाद के द्विपक्षीय वार्ता करना चाहता हूं. पाकिस्तान भी इस वार्ता के लिए अच्छा वातावरण बनाए.

आतंक का रास्ता छोड़े पाकिस्तान. आतंकवाद नए नए रूप और नाम से सामने आ रहा है. इसके खतरे से कोई भी देश मुक्त नहीं है. 10 साल से हम आतंकवाद झेल रहे हैं. पाकिस्तान का नाम लिए बगैर पीएम मोदी ने कहा कि कुछ देश आतंकवाद को पनाह दे रहे हैं. आतंकवाद से लड़ने में सबकी भागीदारी हो. आइये हम समय की मांग के अनुरूप खुद को ढालें. 20वीं सदी की संस्थाएं 21वीं सदी में प्रासंगिक नहीं होंगी. हमें मतभेदों को दूर करके आगे बढ़ने पर जोर देना होगा.

आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के खिलाफ यूएन को पहल करनी होगी. हमें आउटर स्पेस और साइबर स्पेस में शांति और व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी. यूएन शांति मिशन को बेहतर बनाया जाए, इसके लिए इनमें शामिल देशों को निर्णय लेने में भी जगह दी जाए.

यूएन सुरक्षा परिषद के भी उचित विस्तार की अपेक्षा है. सभी देशों को इसके लिए उपाय करने होंगे. ऐसे नियम बनाने होंगे जिसमें अपना विकास तो हो लेकिन दूसरे का नुकसान न हो. जिस गति से ट्विटर, फेसबुक और सेलफोंस का विस्तार हुआ, उसी गति से विकास का भी विस्तार हो सकता है. दुनिया के सामने कई समस्याएं हैं, इनसे निपटने के लिए टेक्नोलॉजी हमारा हथियार बन सकती है. हमें ईमानदारी से जिम्मेदारी निभानी चाहिए. विकसित देशों को फंडिंग और तकनीक ट्रांसफर करना होगा.

हम विश्व विद्यालयों को जोड़े, नई पीढ़ी को जोड़े और इसका उपयोग करके नई चेतना के साथ, आपस में नए विश्वास के साथ आगे बढ़े. पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस अंगीकार करने का आह्वान किया, उन्होंने ये कहकर अपना भाषण खत्म किया कि मुझे उम्मीद है कि हम अपनी सामूहिक जिम्मेदारी को मिलकर निभाएंगे.


मोदी ने कश्मीर के बारे में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की टिप्पणी का यूएन चीफ के साथ बैठक के दौरान जिक्र किया. यूएन चीफ के साथ चर्चा के दौरान मोदी ने आतंकवाद से निपटने के विषय को भी उठाया.मोदी भारत के ऐसे दूसरे प्रधानमंत्री हैं जो यूएन असेंबली में हिंदी में भाषण देने जा रहे हैं. मोदी से पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2002 में यूएन असेंबली में हिंदी में भाषण दिया था.