
नई दिल्ली । कोरोना के खिलाफ भारत का जंग अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। 16 जनवरी से देश में टीकाकरण का महाअभियान शुरू हो रहा है, जिसके लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनेका कोविड-19 वैक्सीन की पहली खेप सरकार को भेज दी है। सरकार ने एसआईआई से ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके 'कोविशील्ड' की 1.1 करोड़ खुराक खरीदने का सोमवार को ऑर्डर दिया। प्रत्येक टीके पर जीएसटी समेत 210 रुपये की लागत आ रही है। आज यानी मंगलवार सुबह सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पुणे स्थित उत्पादन केंद्र से कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खेप पूरी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ रवाना कर दी गई। वैक्सीन से लदे तीन ट्रक पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के मंजरी स्थान से पुलिस की सुरक्षा में रवाना हुए पुणे एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए। पुणे स्थित लॉजिस्टिक फर्म कूल-एक्स कोल्ड चेन सीरम इंस्टीट्यूट से देश के अन्य हिस्सों में वैक्सीन खुराक से लदे तीन ट्रकों को पूजा-पाठ करने के बाद रवाना कर दिया गया। पुलिस सुरक्षा में कोविशील्ड वैक्सीन सीरम के उत्पादन केंद्र से पुणे एयरपोर्ट पहुंची, जहां से अब देशभर के लोकेशन पर उसकी डिलीवरी होगी। महाराष्ट्र सरकार ने हवाई अड्डों और राज्य की सीमाओं तक वैक्सीन ले जाने वाले ट्रकों को पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया है। जिसमें वैक्सीन से लदे ट्रकों के ड्राइवर विक्ट्री साइन दिखाते नजर आ रहे हैं। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि जब वैक्सीन की खेप रवाना होने वाली होती है तो वहां मौजूद पुलिसकर्मी से लेकर अन्य स्टाफ तालियां बजाने लगते हैं, सभी विक्ट्री साइन दिखाते हैं और फिर ट्रक की पूजा के बाद खेप को एयरपोर्ट के लिए रवाना कर दिया जाता है। गौरतलब है कि भारत ने हाल ही में देश में प्रतिबंधों के साथ आपातकालीन उपयोग के लिए दो टीकों के निर्माण को मंजूरी दी है। इनमें एक सीरम इंस्टीट्यूट ‘ऑक्सफोर्ड कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक द्वारा निर्मित ‘कोवैक्सीन’ शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, टीकाकरण अनुसूची को पूरा करने के लिए एक व्यक्ति को टीका की दो खुराक 28 दिनों में लेना चाहिए। फिर दूसरी खुराक लेने के दो सप्ताह बाद एंटीबॉडी का सुरक्षात्मक स्तर आमतौर पर विकसित होता है। सार्वजनिक उपक्रम एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अतिरिक्त निदेशक प्रकाश कुमार सिंह के नाम सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के लिए आपूर्ति का ऑर्डर जारी किया। सूत्रों ने बताया कि कोविशील्ड टीके की खुराक 60 स्थानों पर खेप के जरिए पहुंचाई जाएगी, जहां से यह आगे वितरण के लिए भेजी जाएगी। सरकार ने भारत बायोटेक को 55 लाख खुराक का ऑर्डर दिया है, जिसकी लागत 162 करोड़ रुपये है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार ने अप्रैल तक 4.5 करोड़ टीके खरीदने की प्रतिबद्धता जताई है। इस पूरे ऑर्डर पर 1100 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आएगा। सूत्रों ने कहा कि कोविशिल्ड वैक्सीन की खुराक को शुरुआत में 60 थोक केंद्रों पर भेजा जाएगा, जहां से उन्हें पूरे भारत के विभिन्न टीकाकरण केंद्रों में वितरित किया जाएगा। कोविशील्ड की 2,54,500 से अधिक खुराकें दिल्ली के केंद्रीय भंडारण, राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, ताहिरपुर में वितरित की जानी हैं। ‘स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीका की खरीद के लिए खरीद एजेंसी के रूप में 11 जनवरी को एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड को नामित किया है। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय खरीददार एजेंसी है और एलएलएल लाइफकेयर लिमिटेड खरीद एजेंसी है। कोविड -19 वैक्सीन दिशा-निर्देशों के अनुसार, टीकाकरण की शुरुआत सबसे पहले हेल्थकेयर वर्कर्स और अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धाओं से की जाएगी। उसके बाद 50 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों को खुराक दी जाएगी। इसके बाद 50 साल से कम उम्र के व्यक्ति को संक्रमित होने की स्थिति में खुराक मिलेगी। देश में 16 जनवरी से कोविड-19 के टीकाकरण अभियान की शुरुआत होगी जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान बताया है। शुरुआत में देश के तीन करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को प्राथमिकता दी जाएगी।