इंदौर। ग्रेजुएट एप्टीट्यूट टेस्ट इन इंजीनियरिंग ( गेट) का परिणाम 18 मार्च को देर रात घोषित हुआ। देश के आईआईटी, एनआईटी व अन्य इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट से एमई और एमटेक करने की इच्छा लिए इस बार इस परीक्षा में शहर के करीब आठ हजार स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। परिणाम में शहर के स्टूडेंट्स ने ऑल इंडिया रैंकिंग में विशेष स्थान बनाया है।

एआईआर टॉप 10 में शहर के छह स्टूडेंट्स ने नाम दर्ज कराया है। इसमें गौरव शर्मा ने इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन ब्रांच में ऑल इंडिया रैंकिंग में पहला स्थान प्राप्त किया है। इसके अलावा उदित अग्रवाल ने इलेक्ट्रिकल ब्रांच में तीसरा, अबिनाश खरे ने कम्प्यूटर इंजीनियरिंग में पांचवां, प्रशांतसिंह जादौन ने आईएन ब्रांच में छठवां, निकलंक कुमार जैन ने पीआई ब्रांच में सातवां और शुभम तिवारी ने आईएन ब्रांच में आठवां स्थान प्राप्त किया है।

जनवरी-फरवरी में यह परीक्षा ऑनलाइन हुई थी। आईआईटी व एनआईटी से पीएचडी करने के लिए गेट-2016 उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। सब्जेक्ट एक्सपर्ट संजय गुप्ता के अनुसार इस बार भी स्टूडेंट्स ने बेहतर स्थान प्राप्त किया। हर बार एआईआर टॉप 100 में शहर के करीब 20 स्टूडेंट्स आते थे लेकिन इस बार यह संख्या अपेक्षाकृत कम है। इसकी वजह इस बार पेपर जटिल होना और कुछ मुख्य विषयों में स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा होने से स्पर्धा और भी बढ़ना है। स्पर्धा बढ़ने से इन मुख्य विषयों में रैंक पीछे आई है।

इस बात पर दें ध्यान

प्रवेश के लिए अब स्टूडेंट्स पोस्ट गेट प्रोसेस के लिए जो भी नोटिफिकेशन आएं, उस पर निगाह रखें। कई संस्थाओं ने नोटिफिकेशन जारी करना शुरू भी कर दिए हैं। अमूमन सभी संस्थाओं के अपडेट 5 अप्रैल तक आ जाएंगे।

टॉपर्स से चर्चा

नियमित पढ़ाई आई काम

ऑल इंडिया रैंकिंग में तीसरा स्थान पाने वाले उदित बताते हैं कि उन्होंने वर्षभर केवल पढ़ाई पर ही फोकस किया। हर दिन तीन-चार घंटे परीक्षा की तैयारी के लिए तय कर रखे थे, बाकी समय वे कॉलेज की रेगुलर स्टेडी करते थे। नियमित पढ़ने के कारण बेहतर परिणाम मिला।

एजुकेशन फोरम पर पढ़ाने का फायदा

ऑल इंडिया रैंकिंग में पांचवां स्थान पाने वाले अबिनाश बताते हैं कि उन्होंने इसकी तैयारी वर्षभर की लेकिन परीक्षा के ठीक तीन माह पहले से और भी गंभीरता से पढ़ना शुरू कर दिया था। सोशल नेटवर्किंग साइट्स व ऑनलाइन एजुकेशन फोरम पर दूसरों के लिए सवाल हल करने का फायदा इस परीक्षा में मिला। दूसरों की समस्याओं को हल करने में हम और भी बेहतर ढंग से पढ़ पाते हैं। इसके अलावा सभी सब्जेक्ट का पूरा सिलेबस धीरे-धीरे रिवाइज किया, जिसका फायदा मिला।