
जयपुर | राजस्थान में सर्दी के तेवर बढ़ते ही जा रहे हैं। माउंट आबू में सबसे ठंडा रहा और प्रदेश में इस एक मात्र हिल स्टेशन में न्यूनतम तापमान गिरकर 2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। सीकर के फतेहपुर में शुक्रवार रात में पारा 3.5 डिग्री सेल्सियस रहा। जयपुर में भी ठंड बढ़ने लगी है। इस सीजन में पहली बार यहां सबसे कम तापमान रिकॉर्ड किया गया। राजधानी में न्यूनतम पारा 10 डिग्री सेल्सियस के पास दर्ज किया गया।इसी तरह से पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर, बीकानेर, चूरू जिलों में बीती रात न्यूनतम तापमान में गिरावट देखी गई है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक राजस्थान में अगले 4-5 दिन मौसम ऐसे ही शुष्क बना रहेगा और सर्दी का असर और तेज होगा।
सिरोही जिले में स्थित माउंट आबू में लगातार चौथे दिन तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। यहां अब पारा जमाव बिंदु के नजदीक 2 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। माउंट आबू में अब कारों की छतों और मैदानों में ओस की बूंदें जमती नजर आईं। पेड़-पौधों की पत्तियों पर बर्फ की परत जमने लगी है।राज्य के सबसे ठंडे माने जाने वाले शेखावाटी क्षेत्र में तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट हुई है। सीकर में न्यूनतम तापमान 8.1 डिग्री सेल्सियस था, जो शुक्रवार रात गिरकर 6 डिग्री पर आ गया। यहां सुबह-शाम और रात में जबर्दस्त ठंड पड़ रही है।
ऐसे ही चूरू में तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे लुढ़क गया। यहां रात में न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। उधर, मेवात रीजन के अलवर में 2 डिग्री सेल्सियस तक गिरकर न्यूनतम पारा 8 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है।रात में तापमान भले ही 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है, पर दिन धूप अच्छी हो रही है। अजमेर, अलवर, भीलवाड़ा, बीकानेर, चूरू समेत कई शहरों में दिन और रात के तापमान में 20 से 24 डिग्री सेल्सियस का अंतर आ रहा है। चूरू में शुक्रवार को दिन का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस था। रात में पारा गिरकर 5 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला गया।
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक राजस्थान समेत मध्य भारत के राज्यों में अगले एक सप्ताह तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा। मौसम में अब बदलाव कोई नया वेस्टर्न डिस्टर्बेंस आने के बाद ही देखने को मिलेगा। फिलहाल एक सप्ताह तक उत्तर भारत में कोई सिस्टम के एक्टिव होने की संभावना नहीं है। इस कारण पूरे राजस्थान में अगले एक सप्ताह तक मौसम बिल्कुल साफ रहेगा और तेज धूप निकलेगी। कई जगहों पर तापमान में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।