नई दिल्ली    दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच जारी टकराव के बीच दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की दिक्कतें बढ़ गई है। अवैध रोहिंग्या विदेशियों के मुद्दे पर दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच टकराव की स्थिति में मनीष सिसोदिया निशाने पर थे, लेकिन इस बीच शुक्रवार सुबह सीबीआई की एक टीम भी उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पहुंच गई है। आबकारी नीति मामले में दिल्ली समेत 7 राज्यों में 21 जगहों पर तलाशी की जा रही है। मनीष सिसोदिया समेत 4 लोकसेवकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है। सीबीआई ने जानकारी दी है कि देर रात राष्ट्रपति कार्यालय से मंजूरी मिलने के बाद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर सीबीआई ने छापा मारा है। वहीं मनीष सिसोदिया के घर सीबीआई छापे से आम आदमी पार्टी बौखला गई है और 11 बजे आप नेता संजय सिंह प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं।

दमन और दीव में भी छापे

सीबीआई अधिकारियों ने जानकारी दी है कि राजधानी दिल्ली में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अलावा 7 राज्यों में करीब 21 ठिकानों पर एक साथ कार्रवाई की जा रही है। एक अनुमान के मुताबिक आबकारी नीति में करीब 500 करोड़ रुपए के घोटाले की आशंका जताई जा रही है। दमन व दीव में पूर्व एक्ससाइज कमिश्नर ए गोपी कृष्ण के घर पर भी सीबीआई ने छापा मारा है। अनियमितता के आरोप में पूर्व एक्ससाइज कमिश्नर ए. गोपी कृष्ण को एलजी ने सस्पेंड कर दिया था। आबकारी नीति में घोटाले की जांच उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तक भी पहुंची है और एफआईआर में उनका नाम भी दर्ज है। मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि सीबीआई आई है। उनका स्वागत है। हम कट्टर ईमानदार हैं। लाखों बच्चों का भविष्य बना रहे हैं। बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश में जो अच्छा काम करता है, उसे इसी तरह परेशान किया जाता है, इसलिए हमारा देश अभी तक नंबर-1 नहीं बन पाया है। मनीष सिसोदिया ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि हम CBI का स्वागत करते हैं। जांच में पूरा सहयोग देंगे ताकि सच जल्द सामने आ सके। अभी तक मुझ पर कई केस किए लेकिन कुछ नहीं निकला, इसमें भी कुछ नहीं निकलेगा। देश में अच्छी शिक्षा के लिए मेरा काम रोका नहीं जा सकता। ये लोग दिल्ली की शिक्षा और स्वास्थ्य के शानदार काम से परेशान है, इसलिए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षा मंत्री को पकड़ा है ताकि शिक्षा स्वास्थ्य के अच्छे काम रोके जा सके। मनीष सिसोदिया ने कहा कि हम दोनों पर झूठे आरोप हैं। कोर्ट में सब कुछ सच सामने आ जाएगा।

जानें क्यों विवादों में फंसी दिल्ली की नई शराब पॉलिसी

दिल्ली में केजरवील सरकार ने बीते साल नई आबकारी नीति लागू की गई थी, इसमें दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया था और शराब ठेकेदारों को 849 लाइसेंस आवंटित किए गए थे। हर एक जोन में औसतन 26 से 27 शराब की दुकानें खोलने की मंजूरी दी जा रही थी। दिल्ली में अभी तक 60 फीसदी दुकानें सरकारी और 40 फीसदी निजी हाथों में थीं, लेकिन दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति लाए जाने के बाद 100 फीसदी दुकाने निजी हाथों में चली गई थीं। आपको बता दें कि बीते कुछ दिनों से मनीष सिसोदिया और केंद्र सरकार के बीच रोहिंग्या मुद्दे पर ठन गई थी। मनीष सिसोदिया ने रोहिंग्या मुद्दे पर केंद्र सरकार को अपना रुख स्पष्ट करने को कहा था। उन्होंने कहा कि देश की नीतियों के खिलाफ और अवैध तरीके से रहने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मनीष सिसोदिया ने कहा था कि दिल्ली सरकार को कोई जानकारी नहीं है कि रोहिंग्या कहां रह रहे हैं। दिल्ली पुलिस को इसकी जानकारी होनी चाहिए। दरअसल पूरा विवाद रोहिंग्या शरणार्थियों को फ्लैट देने पर शुरू हुआ था। मनीष सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने रोहिंग्या को EWS फ्लैट देने के मुद्दे पर रुख स्पष्ट करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साफ कहा है कि रोहिंग्या अवैध विदेशियों को EWS फ्लैट में ट्रांसफर करने का निर्णय दिल्ली सरकार का था। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा की तरफ से लेटर लिख कर इस बारे में जानकारी दी गई है।