
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में विजय माल्या को 4 महीने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने माल्या पर 2000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने कहा है कि जुर्माना न चुकाने पर 2 महीने की अतिरिक्त जेल भी होगी। जस्टिस यू.यू ललित, जस्टिस एस रविंद्र भट्ट और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने यह फैसला सुनाया। देश की शीर्ष अदालत ने 5 वर्ष पहले 9 मई, 2017 को ही विजय माल्या को अवमानना के मामले में दोषी करार दे दिया था। उन्हें एसबीआई के नेतृत्व वाले बैंकों के संघ द्वारा दायर एक मामले में अदालत के आदेशों का उल्लंघन करते हुए अपने बच्चों को 40 मिलियन अमरीकी डालर हस्तांतरित करने का दोषी पाया गया था लेकिन सजा अब हुई है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान न तो विजय माल्या पेश हुआ, न उसकी तरफ से कोई वकील आया। केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में विजय माल्या को अधिकतम सजा दिए जाने की मांग की थी। केंद्र ने कहा था कि माल्या ने न सिर्फ विदेशी खातों में पैसे ट्रांसफर करने को लेकर अदालत को गलत जानकारी दी, बल्कि पिछले 5 साल से कोर्ट में पेश न होकर आदेशों की अवमानना की।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विजय माल्या ने अवमानना के लिए कभी कोर्ट से मांफी नही मांगी। अदालत ने भगोड़े कारोबारी को 4 सप्ताह के भीतर ब्याज के साथ 40 मिलियन अमेरिकी डालर जमा करने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर माल्या की संपत्तियों की कुर्की की जाएगी। गौरतलब है कि विजय माल्या भारतीय बैंकों का 9000 करोड़ रुपए लेकर फरार है। इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि प्रत्यर्पण की कानूनी लड़ाई हार जाने के बावजूद विजय माल्या कुछ कानूनी दांवपेच अपना कर यूनाइटेड किंगडम में बना हुआ है। उसने वहां कोई गुप्त कानूनी प्रक्रिया शुरू कर ली है। यूके की सरकार ने न तो इस प्रक्रिया में भारत सरकार को पक्ष बनाया है, न उसकी जानकारी साझा की है। इस कारण माल्या को अब तक भारत नहीं लाया जा सका है। सर्वोच्च अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा था कि माल्या ब्रिटेन में आजादी से रहता है, लेकिन वहां क्या कर रहा है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।