लंदन:  प्रोस्टेट कैंसर की जांच अब और सुगम तथा पहले के मुकाबले सस्ती होगी, क्योंकि वैज्ञानिकों ने एक 'सेंसर चिप' का निर्माण किया है, जो ग्लाइकोप्रोटीन में आए सूक्ष्म अंतर का आसानी से पता लगा सकता है।

पत्रिका 'केमिकल साइंस' में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा है कि यह प्रौद्योगिकी प्रोस्टेट कैंसर का शुरुआती दौर में ही पता लगाने की प्रक्रिया में सुधार लाने में कारगर साबित होगा। युनिवर्सिटी ऑफ बर्मिघम में मुख्य शोधकर्ता पाउला मेंडिस ने कहा, एंटीबॉडिज पर आधारित यह विधि हमें सटीक परिणाम देती है, और इसमें गलत परिणामों की संभावना भी न के बराबर होती है।

इन एंटीबॉडिज का निर्माण बेहद महंगा है और गलत पॉजिटिव परिणाम भी ज्यादा आते हैं। प्रोस्टेट कैंसर तथा अन्य रोगों का पता लगाने के लिए ग्लाइकोप्रोटीन अणु बेहद उपयोगी जैव संकेत होते हैं, क्योंकि प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में ये महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

रासायनिक इंजीनियरों तथा रसायन शास्त्रियों ने एक सेंसर चिप का निर्माण किया, जिसमें द्विविमीय सतहों की दिशा में कृत्रिम अभिग्राहक (रिसेप्टर) लगे हैं, जो विशिष्ट, लक्षित ग्लाइकोप्रोटीन की पहचान करते हैं।