
टोक्यो । युद्धग्रस्त देश यूक्रेन के शरणार्थियों के लिए मानवीय मदद के लिए जापान सैन्य विमानों के जरिए उनको भारत के रास्ते मदद भेजना चाहता था जिसे मोदी सरकार के ठुकरा दिया इसके बाद अब टोक्यो ने इसके लिए नया योजना बनाई है। जापान सरकार ने मंगलवार को बताया कि जापानी सेना के विमान अब भारत की जगह पर संयुक्त अरब अमीरात में सामानों को लोड करेंगे। इन विमानों के जरिए यूक्रेन के शरणार्थियों को मदद भेजी जानी है। यही नहीं जापान अब अप्रैल के अंतिम दिनों की बजाय मई में इन सामानों को भेज पाएगा। जापानी अखबार के मुताबिक नए प्लान के मुताबिक अब जापान के ट्रांसपोर्ट विमान केवल यूएई में सप्लाई करेंगे। इससे पहले इसे भारत में किया जाना था। इससे पहले भारत ने इन विमानों को उतरने की अनुमति देने से इंकार कर दिया था। जापानी की यह सप्लाई मई से शुरू होकर जून के अंत तक चलेगी। हर हफ्ते एक विमान भेजने का प्लान है। जापान कंबल और अन्य सामानों को अपने सी2 ट्रांसपोर्ट विमान पर लोड करेगा और उसे फिर से पोलैंड तथा रोमानिया ले जाया जाएगा।
पोलैंड और रोमानिया में सबसे ज्यादा शरणार्थी हैं। जापान का कहना है कि वह शरणार्थियों पर संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त के अनुरोध पर मानवीय अंतरराष्ट्रीय सहायता कार्यक्रम के तहत इस सप्लाइ को भेज रहा है। जाापान का पहले प्लान था कि यूएई की बजाय इस सप्लाई को भारत में विमान पर लादा जाए। रिपोर्ट के मुताबिक नए प्लान को कैबिनेट की मीटिंग शुक्रवार को रखा जाएगा। जापान सरकार के अधिकारियों का दावा है कि भारत के साथ कार्यकारी स्तर का समझौता हो गया था लेकिन अचानक से नई दिल्ली ने इसे खारिज कर दिया। दरअसल, भारत के रूस के साथ दोस्ताना संबंध हैं और यूक्रेन युद्ध में वह पूरी तरह से तटस्थ रहा है। भारत ने पश्चिमी देशों की ओर से रूस के ऊपर लगाए गए प्रतिबंधों में शामिल होने से इंकार कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि भारत अपनी जमीन से जापान के सैन्य विमानों को यूक्रेन को सप्लाई भेजने की अनुमति नहीं देगा। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि सैन्य विमानों की जगह पर व्यवसायिक उड़ानों को अनुमति दी जा सकती है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि जापान ने मुंबई में सैन्य विमानों के लैंड करने की अनुमति मांगी थी। जापान यहां से यूक्रेन को मानवीय सहायता भेजना चाहता था। बागची ने कहा कि हमने जापान को बता दिया है कि इस तरह की सप्लाइ को व्यवसायिक विमानों का इस्तेमाल करने पर दी जा सकती है। विश्लेषकों के मुताबिक जापान सैन्य विमान के जरिए मदद भेजकर यूक्रेन पर रूस को संदेश भेजना चाहता है। यूक्रेन युद्ध पर तटस्थ रुख के कारण भारत को यह मंजूर नहीं था।