कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने भाजपा के साथ तालमेल होने के आरोपों को शुक्रवार को खारिज करते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी के साथ आईआईएससीओ के कार्यक्रम में इसलिए शामिल हुईं कि वह राज्य के विकास से जुड़ा मामला था।

तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद् के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘अगर मैं नहीं जाती तो कुछ लोग कहते कि मुझमें शालीनता नहीं है। अगर मैं जाती हूं तो आप हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करते हैं। हर चीज और हर तरह की झूठी अफवाह की सीमा होती है।’

उन्होंने कहा, ‘और मैं क्यों नहीं जाती, हमने आईआईएससीओ संयंत्र को जमीन दी है और यह राज्य के विकास से संबंधित कार्यक्रम है। मैं दूसरों को इसका श्रेय क्यों लेने दूं?’ ममता की टिप्पणियां माकपा और कांग्रेस के आरोपों के परिप्रेक्ष्य में आई है कि आईआईएससीओ इस्पात संयंत्र के आधुनिकीकरण के उद्घाटन के दौरान मोदी के साथ उनका मंच साझा करना भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच गुपचुप तालमेल होने का नतीजा है। दोनों दलों ने आरोप लगाए थे कि सीबीआई ने सारदा घोटाले की जांच धीमी कर दी है और तृणमूल कांग्रेस राज्यसभा में विधेयक पारित कराने में भाजपा का सहयोग कर रही है।

बर्नपुर में दस मई को हुए कार्यक्रम के दौरान ममता और मोदी दोनों ने राज्य की राजनीति से देश को ऊपर रखकर संघीय ढांचे को मजबूत करने की बात कही थी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने मोदी के साथ अलग से मुलाकात कर ऋणग्रस्त राज्य का पूरा रिण माफ करने का आग्रह किया था।

पिछले वर्ष के लोकसभा चुनावों से ही ममता मोदी और उनकी राजनीति की कड़ी आलोचना करती रही हैं।