चंडीगढ़ : पंजाब के डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने ऑर्बिट कंपनी की बसों को राज्य की सड़कों से तत्काल प्रभाव से हटाने का फैसला किया है। ऑर्बिट सुखबीर की ही कंपनी है, जिसकी बस में मां-बेटी से छेड़छाड़ और उन्हें फेंके जाने की घटना हुई थी। इस घटना में बेटी की मौत हो गई थी। पंजाब के डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को कहा कि कंडक्टर और ड्राइवरों को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके तहत, उन्हें बताया जाएगा कि वे यात्रियों से किस तरह बर्ताव करें। इसके बाद ही दोबारा से बसें चलेंगी।

शिक्षा मंत्री ने कहा-भगवान की मर्जी
उधर, इस हादसे पर शिक्षा मंत्री ने एक विवादित बयान दिया। मंत्री सुरजीत सिंह ने कहा कि, बस में जो कुछ हुआ वो भगवान की मर्जी से हुआ। जबकि एक विधायक ने इसे हादसा करार दिया। नेताओं के बयान के जबाव में पीड़ित लड़की के पिता ने मांग की है कि, सब भगवान की मर्जी से होता है तो आरोपियों को 15 मिनट के लिए उनके हवाले कर दिया जाए।

पिता बोले- बादल परिवार पर दर्ज हो केस
चार दिन बाद भी लड़की का पोस्‍टमॉर्टम नहीं हो सका है। उसके पिता का कहना है कि जब तक पंजाब के डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ केस दर्ज नहीं होता, वह अपनी बेटी का पोस्‍टमॉर्टम नहीं होने देंगे। लड़की के पिता सुखदेव सिंह ने कहा कि उसका किसी से समझौता नहीं हुआ। उन्हें सरकार का 20 लाख मुआवजा भी नहीं चाहिए और न ही नौकरी। बता दें कि लड़की की मौत बुधवार देर शाम हुई थी और उसकी मौत के तीसरे दिन भी पोस्टमॉर्टम नहीं हो सका है।

पंजाब में कांग्रेस का रेल रोको आंदोलन
मोगा केस के विरोध में पंजाब में कांग्रेस का रेल रोको आंदोलन शुरू हो गया। हजारों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने दोपहर बार रोको आंदोलन में हिस्सा लिया। दूसरी ओर, कई क्षेत्रीय संगठनों के साथ बड़ी पार्टी के नेता भी बादल सरकार के खिलाफ मैदान में उतरे। लोग बादल परिवार पर एफआईआर और पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं। पंजाब में जगह-जगह बादल सरकार के पुतले फूंके जा रहे हैं।

बादल की बसों के लिए सिक्‍युरिटी
डिप्टी सीएम सुखबीर बादल की ट्रांसपोर्ट कंपनियों की बसें पुलिस सुरक्षा में सड़कों पर दौड़ रही हैं। अमृतसर में कुछ बसों के आगे-पीछे पुलिस की एस्कॉर्ट जिप्सियां चलती देखी गईं। वहीं, बठिंडा में ऑरबिट और डबवाली ट्रांसपोर्ट्स के वर्कशॉप के बाहर भी पुलिस तैनात मिली। दूसरी तरफ, मृतक लड़की के पिता ने 20 लाख रुपए के मुआवजे और नौकरी के ऑफर को ठुकरा दिया है। तीन दिन बाद भी लड़की का पोस्टमॉर्टम नहीं हो सका।

एसआई बोला- कमिश्नर ने तैनात कराई पुलिस
बादल की बसों को सिक्युरिटी के सवाल पर डीजीपी सुमेध सिंह सैणी और अमृतसर के पुलिस कमिश्नर जतिंदर सिंह ने कोई जबाव नहीं दिया। उन्होंने कहा कि नहीं पता कि एस्कॉर्ट जिप्सियां किसने दीं। वहीं, बादल की बसों की सुरक्षा कर रही एक जिप्सी में तैनात एक एएसआई ने कहा कि कमिश्नर के आदेश पर बसों को सिक्युरिटी दे रहे हैं।

4 आरोपी पुलिस रिमांड पर
पुलिस ने चार लोगों चालक रणजीत सिंह, कंडक्टर सुखविंदर सिंह, हेल्पर अमर राम और गुरदीप सिंह को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें चार दिन के रिमांड पर भेज दिया गया। हालांकि, उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पुलिस उनके लाइसेंस की जांच कर रही है।

जिम्मेदार बोले- यहां सब ठीक है
'हम प्राइवेट बसों में तैनात ड्राइवरों-कंडक्टरों का वेरिफिकेशन करा रहे हैं। उनके बारे में पता लगाया जा रहा है कि कहीं वे अपराधी तो नहीं। जांच तेजी से की जा रही है।' - सुमेधसिंह सैणी, डीजीपी

'हमने सभी जिलों के अफसरों को बसों की चेकिंग के आदेश दिए हैं। अभी तक सब ठीक है। अगर कहीं कोई गड़बड़ी पाई गई तो जरूर कार्रवाई करेंगे।' - अजीतसिंह कोहाड़, ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर