नई दिल्ली : विभिन्न विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच लोकसभा में पेश जीएसटी विधेयक पर सोमवार को विचार कर इसे पारित किया जाएगा। यह विधेयक लंबे समय से अटका है।

संविधान (122वां संशोधन) विधेयक, 2014 को शुक्रवार को वित्त मंत्री अरण जेटली द्वारा पेश किया गया। जेटली ने कहा था कि यह केंद्र और राज्यों दोनों के लिए ही फायदेमंद है। वित्त मंत्री ने कुछ राज्यों की यह आशंका भी दूर करने का प्रयास किया कि यदि जीएसटी को लागू किया जाता है तो इससे उन्हें राजस्व नुकसान होगा।

संविधान संशोधन विधेयक को सदन में उपस्थित सदस्यों के दो तिहाई बहुमत से पारित किया जाना होता है। सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के सदस्यों ने इस विधेयक को स्थायी समिति को भेजे जाने की मांग करते हुये सदन से बहिर्गमन किया। वामपंथी दलों, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस के सदस्यों ने भी उनके साथ बहिर्गमन किया। अन्नाद्रमुक और बीजू जनता दल के सदस्यों ने विधेयक का विरोध किया लेकिन वह सदन से बाहर नहीं गये।

जीएसटी को अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में 1947 के बाद से बड़ा सुधार माना जा रहा है। जीएसटी विधेयक पारित होने पर इसमें केन्द्रीय उत्पाद शुल्क, राज्यों का वैट, मनोरंजन कर, चुंगी, प्रवेश कर, विलासिता और खरीद कर सभी समाहित हो जाएंगे।