नई दिल्ली । देश के समग्र जीडीपी में विनिर्माण का हिस्सा बढ़ाने तथा प्रणालीगत और सुनियोजित शहरीकरण सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार ने राज्य सरकारों के साथ साझीदारी में परिवहन संपर्क अवसंरचना के आधार पर समेकित औद्योगिक गलियारा विकसित करने की रणनीति अपनाई है। औद्योगिक गलियारा कार्यक्रम के तहत, उद्वेश्य उद्योगों को गुणवत्तापूर्ण, भरोसेमंद, टिकाऊ और अनुकूल अवसंरचना उपलब्ध कराने के जरिये देश में विनिर्माण निवेशों को सुगम बनाने के लिए सतत ‘प्लग एन प्ले‘ आईसीटी सक्षम यूटिलिटीज के साथ ग्रीनफील्ड स्मार्ट औद्योगिक नगरों का निर्माण करना है। भारत सरकार ने 4 चरणों में विकसित किए जाने वाले 11 औद्योगिक गलियारों को मंजूरी दी है जिनमें 32 परियोजनाएं शामिल हैं।
दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा (डीएमआईसी) के हिस्से के रूप में, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में 04 ग्रीनफील्ड औद्योगिक स्मार्ट सिटी/नोड विकसित किए जा रहे हैं। 16,750 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ कंपनियों को आवंटित 138 प्लाट (754 एकड़) के साथ इन औद्योगिक सिटी/नोड में प्रमुख ट्रंक अवसंरचना कार्य पूरे हो चुके हैं। इन सिटी/नोड में एंकर निवेशकों में ह्योसुंग (दक्षिण कोरिया), एनएलएमके (रूस), हैयर (चीन), टाटा कैमिकल्स एवं अमूल जैसी कंपनियां शामिल हैं। अन्य औद्योगिक गलियारों में 23 नोड/परियोजनाएं योजना निर्माण तथा विकास के विभिन्न चरणों में हैं।