करनाल   हरियाणा के करनाल जिले के कस्बा घरौंडा अनाज मंडी में किसानों की महापंचायत शुरू हो चुकी है। भारतीय किसान मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कौथ ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को इसलिए वोट दिए थे कि वह केंद्र में जाकर किसानों की बात रखेंगे। इसलिए नहीं कि किसानों पर केस दर्ज करवाएंगे। कौथ ने कहा कि दुष्यंत चौटाला को किसानों ने वोट इसलिए दिए थे कि वह किसानों के पक्ष में खड़े होंगे, न कि भाजपा की गोदी में बैठ जाएंगे। केस दर्ज करने हैं तो किसानों का नेतृत्व करने वाले किसान नेताओं पर दर्ज किए जाएं न कि आम किसानों पर।

हरियाणा के संगठनों से बात करे मोर्चा की कमेटी

कौथ ने कहा कि हरियाणा सरकार से अलग लड़ना पड़ रहा है और केंद्र सरकार से अलग। इतना ही नहीं मोर्चा में अपनी बात के लिए अलग से आवाज उठानी पड़ रही है। इसके लिए किसान मजदूर संगठनों के नेताओं की अलग से मीटिंग होनी चाहिए। संयुक्त किसान मोर्चा की नौ सदस्यीय कमेटी हरियाणा के संगठनों के साथ अलग से बात करे। बाबा राम सिंह की मौत पर संयुक्त मोर्चा ने गुरुद्वारा में शव रखने से मना कर दिया। हमारा किसान मरा है और हम शव रखकर कुछ कर सकते हैं।

किसान पर चली एक-एक लाठी का हिसाब होगा

कौथ ने कहा कि IAS आयुष सिन्हा हरियाणा के होते तो ऐसी बात नहीं कहते। सरकार को चाहिए कि ऐसे व्यक्ति को तुरंत बर्खास्त करे और उस पर 302 का केस दर्ज करे। इस दौरान प्रस्ताव रखा कि SDM, इंस्पेक्टर और ऐसे अधिकारियों का पूरे हरियाणा में बहिष्कार करना चाहिए। इस पर एक्शन नहीं लिया तो पंचायत के बाद किसान पर चलाई एक-एक लाठी का हिसाब होगा।

किसान को दी श्रद्धांजलि

10 संगठनों के पदाधिकारी महापंचायत में शामिल हैं। भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढुनी के पहुंचने के बाद सबसे पहले बसताडा टोल पर घायल हुए किसानों को भाकियू प्रदेश महासचिव जगदीश सिंह ओलख ने मंच पर बुलाया। मंच पर राजेंद्र आर्य, रघगीर गगसीना, रणबीर पुनिया बडोता, दानवीर राजा कर्ण फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीन पुनिया, भाकियू प्रदेशाध्यक्ष बिंदू, महेश, महेंद्र को जगह दी गई।बसताडा टोल पर चोट लगने के बाद रात को हार्ट अटैक आने से मरे किसान सुशील को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद राष्ट्रीय गान के साथ भारत माता व जय जवान-जय किसान के नारे लगाए गए।

महापंचायत में 28 अगस्त को बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में आगामी रणनीति तैयार की जा रही है। महापंचायत को लेकर किसान रातभर तैयारी में जुटे रहे। अनाज मंडी में किसानों के पहुंचने, वाहनों की पार्किंग, पीने के पानी, बैठने की व्यवस्था से लेकर खाने-पीने का भी प्रबंध किया गया है। महापंचायत में प्रदेशभर से 10 हजार से ज्यादा किसानों के पहुंचने का दावा है। महिलाएं भी इस महापंचायत में हिस्सा लेने पहुंची हैं।

सीआईडी, आईबी वाले ले रहे हैं जानकारी

किसान संगठनों से सीआईडी, आईबी वाले लगातार जानकारी ले रहे हैं। बाइक राइडर हर 10 मिनट बाद जानकारी लेकर और माहौल देखकर वापस जा रही है।

टोल पर तैयार हो रहा है खाना

किसान संगठनों ने बसताड़ा टोल पर सुबह 5 बजे ही खाना बनाने की तैयारी कर दी थी। आज 10 हजार लोगों का खाना तैयार किया जा रहा है। सभा के समाप्त होने से पहले खाना खिलाने की व्यवस्था कहां करनी है, ये तय हो जाएगा।

टोल पर हुआ था लाठीचार्ज

28 अगस्त को पंचायती चुनाव को लेकर भाजपा की संगठनात्मक मीटिंग का आयोजन करनाल शहर में किया गया था। इस दौरान किसी भी रास्ते से शहर में प्रवेश करने पर पाबंदी थी। किसानों ने भाजपा नेताओं को काले झंडे दिखाकर विरोध जताने की तैयारी की थी। इसके लिए वे शहर में आना चाह रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें घुसने नहीं दिया।

ऐसे में किसानों ने टोल से ही भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ को काले झंडे दिखाए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कुछ समय के बाद दूसरे नेताओं का विरोध जताने के लिए किसानों ने टोल की क्रॉसिंग पर जाम लगा दिया। ऐसा करने पर पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया। बचने के लिए किसान खेतों में भाग गए।

पुलिस जवानों ने खेतों में किसानों का पीछा किया और लाठी-डंडों से पिटाई की। लाठीचार्ज की सूचना के बाद दूसरे किसान वहां पहुंच गए तो पुलिस ने फिर से लाठीचार्ज किया। इस तरह से 4 बार लाठीचार्ज हुआ। पुलिस दर्जनों किसानों को हिरासत में लेकर चली गई। इसके बाद माहौल गरमा गया।

गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने विरोध जताते हुए पूरे प्रदेश में किसानों से अपील करके जाम लगवा दिया। जब तक किसानों को रिहा नहीं किया गया, तब तक किसानों ने प्रदेशभर में लगाए जामों को नहीं खोला, लेकिन अभी मामला ठंडा नहीं हुआ है। महापंचायत में कई अहम फैसले लिए जाने की संभावना है, जिसका असर देशभर में देखने को मिलेगा।