नई दिल्ली : वक्त आ गया है जब राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी का कमान पूरी तरह से अपने हाथ में ले लेना चाहिए। यह कहना है पार्टी के महासचिव दिग्विजय सिंह का। एक अखबार के हवाले से आई खबर के मुताबिक उन्होंने कहा कि राहुल को पूरी तरह से पार्टी संभाल लेनी चाहिए। ऐसे में सोनिया गांधी पार्टी का मार्गदर्शन करती रह सकती हैं।

दिग्विजय सिंह ने कहा, 'राहुल जी को जल्द से जल्द कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष पद ग्रहण करना चाहिए। साथ ही उन्हें भारत यात्रा के जरिए पूरे देश में लोगों से संपर्क करना चाहिए। वहीं, सोनिया गांधी यूपीए अध्यक्ष बनी रह सकती हैं।'

दिग्विजय के अलावा अहमद पटेल, एके एंटनी, पी. चिदंबरम, अंबिका सोनी, अशोक गहलोत, शीला दीक्षित, वीरप्पा मोइली, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, ऑस्क फर्नांडिज और मुकुल वासनिक जैसे पार्टी के दिग्गज नेताओं ने इस संबंध में पिछले कुछ सप्ताह में राहुल गांधी से बात की है। इनमें कई नेताओं ने इकॉनमिक टाइम्स को बताया कि उन्होंने राहुल को अपनी राय से अवगत करा दिया है कि वक्त आ गया है जब उन्हें पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेवारी ले लेनी चाहिए।

कुछ प्रभावी कांग्रेस नेताओं में यह विश्वास भरी उम्मीद जगी है कि विरासत संभालने से आनाकानी कर रहे राहुल गांधी चुनावों में पार्टी की लगातार जबरदस्त हार के बाद आगे आकर मोर्चा संभालने के लिए तैयार हो गए हैं। कई नेताओं को लगता है कि जितना जल्द राहुल अध्यक्ष पद संभालेंगे पार्टी के लिए उतना ही ज्यादा भला होगा क्योंकि पार्टी को दिए जानेवाले बेहद जरूरी निर्देशों के साथ ही उनकी योजनाओं को लेकर शंकाओं के बादल छंट जाएंगे।

लोधी एस्टेट वाले अपने आवास में इकॉनमिक टाइम्स से बात करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि राहुल कांग्रेस के नेतृत्वकर्ता के रूप में चुने जा चुके हैं। उन्होंने कहा, 'पार्टी में एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जो राहुलजी के नेतृत्व को चुनौती देगा।' पार्टी आलाकमान के स्तर पर उलटफेर के सवाल पर उन्होंने कहा, 'एक बार वह कमान संभाल लें फिर सब उनपर निर्भर करता है।' दिग्वजिय के मुताबिक अध्यक्ष पद संभालने के बाद तुरत राहुल को कांग्रेस पार्टी की सामाजिक-आर्थिक नीति का आकलन करना चाहिए। साथ ही उन्हें पार्टी की सदस्यता के लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने और फर्जी तरीके के सांगठनिक चुनावों के खत्मे पर जोर देना चाहिए।

2005 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी (एआईसीसी) का महासचिव और 2013 में पार्टी का उपाध्यक्ष बनने के बाद से राहुल गांधी संगठन में अपने स्तर से प्रयोग और सुधार करते आ रहे हैं। उन्होंने इनकी शुरुआत युवा कांग्रेस और एनएसयूआई से शुरू की थी और अब उनका ध्यान मुख्य रूप से पार्टी पर है। खबरें ऐसी भी आ रही हैं कि राहुल गांधी की नई पहल पार्टी के पारंपरिक और बुजुर्ग नेताओं के विचारों से टकरा रही हैं।