भोपाल: मध्य प्रदेश में जिस समय हेमंत खंडेलवाल ने बीजेपी अध्यक्ष के तौर पर बागडोर संभाली है, इत्तेफाक है कि उनके कमान संभालने के महीने भर पहले ही प्रदेश बीजेपी में मंत्री से लेकर विधायकों तक नेताओं के बिगड़े बोल सिलसिलेवार सुनाई दिए थे. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने पार्टी के अनुशासन को लेकर बात की. हेमंत खंडेलवाल ने कहा "बीजेपी में अनुशासन हमारी परंपरा का हिस्सा है."

अगर कोई पार्टी लाइन से हटकर चला तो दिक्कत होगी

खंडेलवाल का कहना है "हर कार्यकर्ता का पूरा सम्मान है, कार्यकर्ता सिर आंखों पर हैं. अध्यक्षीय कार्यकाल के पहले घंटे में उन्होंने मंच से ये संदेश भी दे दिया कि चलना तो पार्टी लाइन पर ही होगा. उनका जोर इसी पर था कि अनुशासन पार्टी की रीति नीति है और उसकी परंपरा का हिस्सा है. इसलिए पार्टी लाइन से अगर कोई दांए बाएं हुआ तो दिक्कत हो जाएगी." बता दें कि हेमंत खंडेलवाल शांतिकाल के अध्यक्ष हैं. अभी मध्यप्रदेश में चुनाव काफी दूर हैं. लेकिन चुनौतियां कई हैं.

खंडेलवाल के सामने क्या-क्या चुनौतियां

लगातार सत्ता में रहने से सियासत में फैले संक्रमण को कैसे खत्म करें, बीजेपी में कार्यकर्ता को देवतुल्य कहा जाता है. उस कार्यकर्ता की सुनवाई संगठन से सत्ता तक हो सके. ये खंडेलवाल के सामने सबसे बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा "नेताओं के समन्वय और कार्यकर्ताओं से सहयोग से वे हर चुनौती का सामना करेंगे." बता दें कि हेमंत खंडेलवाल की गिनती बीजेपी के जमीनी नेताओं के तौर पर होती है. लो प्रोफाइल रहकर उन्होंने अब तक राजनीति की है.